Saturday, September 6, 2014

प्रिय साथियों,
 मेरा नाम मुनेश कुमार सिंह है, और मैं हिंदी के प्रचार प्रसार हेतु ब्लॉग लिख रहा हूँ.
क्यूंकि किसी भी भाषा का विकास उसके प्रयोग से होता है. उदाहरण के लिए:प्राचीन समय में पूरे भारत में
संस्कृत बोली जाती थी . लेकिन आज संस्कृत का क्षण क्षण लोप हो रहा है . यद्यपि हमें  अपनी हिंदी भाषा को बचाना है तो हमे आगे बढ़कर इस समस्या के मूल को बचाना होगा और हिंदी भाषा का जन्म संस्कृत से है.

आपका
मुनेश कुमार सिंह (स्नातकोत्तर विद्यार्थी )
संत लोंगोवाल अभियांत्रिकी एवं प्रोद्योगिकी संस्थान
लोंगोवाल, संगरूर (पंजाब) भारत 

No comments:

Post a Comment